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भगवान श्रीकृष्ण की वाणी

स्वामी ब्रह्मस्थानन्द

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2016
पृष्ठ :74
मुखपृष्ठ :
पुस्तक क्रमांक : 9555

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भगवान श्रीकृष्ण के वचन




श्रीकृष्णाय नमः


मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्।

यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्दमाधवम्।।


जिनकी कृपा पंगु गिरि चढ़ता मूक बोलता है अविराम।

परमानन्दी उन माधव के  चरणों में  शतकोटि प्रणाम।।





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